सोचा छाते ने
एक छाते में
हम दोनों थे
प्रेम की कसौटी पर
पर दोनों भीग गए
बारिश की बूंदो से
मैंने सोचा सकारात्मकता से
जैसे बूंदों ने
हमें भिगोया
हमारा प्रेम भी बूंदो से
सिंचित रहेगा सदा
पर क्या ऐसा बूंदो ने सोचा
यह सोचा उस
कम से कम छाते ने।
Bahut khoob
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
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