बकरी से भी छोटा प्रेम

कई बार 
अपने लगाए पेड़ को 
देखकर 
सोचता था कि 
अगर यह सूखा 
या कोई गाय या बकरी 
चर गई तो 
हमारे प्रेम का क्या होगा 
अब वो पेंड 
बकरी या गाय के 
 भय से भी 
बड़ा हो गया है 
और हमारा प्रेम 
बकरी से भी छोटा।

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