कागज के फूल
हर रोज वो
बदल देता है
मेरी मेज के फूलदान में
रखे फूलों को
रोज ताजे फूल लाता है
और बाकी फूलों को
हटाता है
पर यह क्या
कागज के फूल
रख दिए उसने
अब ना नए रखता है
ना पुराने हटाता है
बिल्कुल हमारे प्रेम की भांति
पहले हम
पुराने फूलों की भांति
लड़ते थे
नए फूलों की भांति
मनाते थे
अब बस साथ रहते हैं
कागज के फूलों की भांति।
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